इजरायल और हमास आतंकवादियों के बीच खूनी संघर्ष और भयावह हो गया है. शनिवार को सबसे पहले फिलिस्तीनी हमास आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ की और खून-खराबा किया. बेकसूर नागरिकों को मारा. उनका अपहरण कर ले गए. घुसपैठ का बदला लेने के लिए इजराइल ने भी गाजा पट्टी पर हवाई हमले बढ़ा दिए और अब भोजन, ईंधन और अन्य आपूर्ति को बंद कर दिया है. सामने आया है कि बिना किसी चेतावनी के इजरायल में घुसने वाले हमास के आतंकवादी दो साल से इजरायल पर हमले के प्लान पर काम कर रहे थे.
यही वजह है कि इजरायल की सेफ्टी वॉल तोड़ने के लिए हमास ने अचानक हमला बोला. छह मोर्चे पर एक हजार लड़ाकों को मैदान में उतारा गया. ड्रोन यूनिट को एक्टिव किया गया. इन सभी आतंकवादियों को सीक्रेट ट्रेनिंग भी दी गई. हालांकि, अब युद्ध के मैदान में चारों तरफ से घिरा हमास धमकी देने पर उतर आया है. हमास ने कहा है कि अगर अब गाजा पट्टी में फिलिस्तानी नागरिकों या घरों को निशाना बनाया गया तो वो बंधक बनाए गए इजरायलियों को एक-एक कर मार देगा. फिलहाल, युद्ध के चौथे दिन भी दक्षिणी इजराइल के कस्बों में हमास के हमले में मारे गए लोगों के शव मिल रहे हैं.
6 मोर्चे में बांटा पूरा ऑपरेशन...
जब इजरायल पर हमले के लिए ऑपरेशन बनाया गया और उसे छह मोर्चे में बांटा गया. पहले मोर्चे में गाजा से 3,000 रॉकेट दागे गए, दूसरे हिस्से में सीमा पर हैंग ग्लाइडर उड़ाने वाले लड़ाकों ने घुसपैठ की, जिन्होंने उन इलाकों को सुरक्षित कर लिया जहां सबसे ज्यादा खतरा था. तीसरे मोर्चे में एक विशिष्ट कमांडो यूनिट ने उस मजबूत इलेक्ट्रॉनिक और सीमेंट की दीवार पर धावा बोला, जो गाजा को बस्तियों से विभाजित करती है और जिसे घुसपैठ को रोकने के लिए इजराइल द्वारा बनाया गया था. उसके बाद ये अलग-अलग मोर्चे इजरायल में घुसे और मौत का कोहराम बनकर टूटे.
1. लड़ाकों को ट्रेनिंग दी गई...
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के सूत्रों के मुताबिक, फिलिस्तीनी इस्लामवादी समूह हमास ने इजरायल पर सबसे विनाशकारी हमला किया है. इसके लिए करीब 1,000 लड़ाकों की एक सेना तैयार की थी. इन लड़कों को ऑपरेशन को लेकर विशेष यूनिट में ट्रेंड किया गया. हमास की सशस्त्र विंग इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड है. हमास के करीबी सूत्र ने बताया कि उनके लड़ाके 2021 में आखिरी संघर्ष के बाद से गाजा में ट्रेनिंग ले रहे थे, कभी-कभी प्रैक्टिस भी करते थे.
सूत्र ने बताया कि हमले का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले एक डमी इजरायली बस्ती बनाई गई, जहां सैन्य लैंडिंग का अभ्यास किया और उस पर हमला करने का प्रशिक्षण दिया गया. इसके साथ ही युद्धाभ्यास के वीडियो बनाए गए. हमास और इस्लामिक जिहाद की सैन्य शाखाओं ने इस पूरी ट्रेनिंग के वीडियो और तस्वीरें अपने टेलीग्राम चैनल पर शेयर कीं. 28 दिसंबर, 2022 को कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं. जिसमें कहा गया कि दुश्मन पर हमले की तैयारियों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है. खास बात यह है कि ट्रेनिंग के दौरान लड़ाकों को जल, थल और नभ से हमले के बारे में बताया गया. इन तस्वीरों में इजरायली सैनिकों को पकड़ने के तरीके भी दिखाए गए थे.
2. मिसाइल यूनिट- दनादन दागे रॉकेट...
बताते चलें कि इजरायल को हमेशा अपनी खुफिया एजेंसियों, घरेलू इकाई शिन बेट और विशेष रूप से अपनी जासूसी एजेंसी मोसाद पर गर्व रहा है. लेकिन, इस हमले ने सतर्कता पर ही सवाल खड़े कर दिए. शनिवार सुबह करीब 6.30 बजे जब हमास ने इजरायल पर अचानक अटैक किया तो दावा किया था कि उसने 20 मिनट में 3,000 रॉकेट दागे हैं. जबकि इजरायल की सेना ने कहा कि 2,500 रॉकेट दागे गए. दरअसल, हमास ने इजरायल पर जो दनादन रॉकेट दागे थे, उसके पीछे एक बड़ी रणनीति थी. हमास के लड़ाके रॉकेटों हमले के जरिए इजरायल की मजबूत सुरक्षा दीवार भेदना चाहते थे और वो इस प्लान में कामयाब भी हो गए.
3. एयर यूनिट- हथियारों के साथ टारगेट पर उतरे
हमास ने रॉकेट हमले से लड़ाकों को कवर दिया और आसपास की मजबूत वॉल को तोड़ दिया. उसके बाद इजरायल में घुसपैठ कर ली. अचानक हुए इस हमले से इजरायल का सुरक्षाबल भी भ्रम की स्थिति में रहा. इसी ट्रेनिंग का असर था कि हमास के लड़ाके इजरायल की सीमा में हैंग ग्लाइडर के जरिए उतरे और मौत का ऐसा खूनी खेल खेला कि कोहराम मच गया. हमास की तरफ से हमले का एक वीडियो जारी किया गया है. एयरबोर्न यूनिट-हैंग ग्लाइडर पर लड़ाकू विमानों की टीमों ने सबसे पहले बॉर्डर पर उड़ान भरी और जमीनी हमले के लिए इलाके को कब्जे में लेने की कवायद की. इसमें यूनिट को वायुसेना फाल्कन स्क्वाड्रन नाम के बैज के साथ दिखाया गया है. कुछ आतंकवादियों ने पैराग्लाइडर का इस्तेमाल किया. इसके अलावा, हथियारों के साथ टारगेट पर उतरते दिखाया जा रहा है.
4. एलीट कमांडो ग्राउंड यूनिट- बॉर्डर पार किया और घुस गए लड़ाके
एलीट कमांडो ग्राउंड यूनिट विस्फोटकों का उपयोग करके गढ़वाली गाजा की सेफ्टी वॉल को तोड़ती है ताकि इजरायली सीमा में घुसपैठ की जा सके. बाइक सवार कुछ लोगों को बॉर्डर पार करने के बाद छेदों को चौड़ा करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करते दिखाया गया ताकि टीमें चारपहिया वाहनों के जरिए इजरायली क्षेत्र में प्रवेश कर सकें. कमांडो ने पहले इजरायली रक्षा लाइनों पर हमला किया. सैनिकों के सोते हुए क्वार्टरों पर छापा मारा. ठिकानों और इजरायली सेना के दक्षिणी गाजा मुख्यालय पर कब्जा किया. मंद रोशनी और कम सूरज से पता चलता है कि यह अटैक रॉकेट बरसाने के आसपास था.
5. ड्रोन यूनिट- हर किसी पर रखी नजर
ड्रोन का उपयोग सीमा पर निगरानी के लिए किया जाता था. हमास ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उसने जौरी नामक ड्रोन के बारे में जानकारी दी है. इसमें कहा, ड्रोन यूनिट का उपयोग घुसपैठ के लिए रास्ता साफ करने के लिए किया गया है. इसके अलावा, आतंकवादियों द्वारा गाजा से ड्रोन लॉन्च करने का एक और वीडियो जारी किया गया है.
6. इंटेलिजेंस यूनिट- सैनिकों के बारे में जुटाई पुख्ता जानकारी
इस यूनिट के जरिए हमास ने इजरायली सैनिकों की स्थिति और गतिविधियों के बारे में जानकारी ली. उन सैनिकों की पहचान की गई. उनके मुख्यालय की निगरानी करने में लगाया. सूत्र ने इस यूनिट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है.